
खेल डेस्क. अंडर-19 वर्ल्ड कप 2020 के लिए प्रियम गर्ग को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। प्रियम मेरठ के किला परीक्षितगढ़ के रहने वाले हैं। पिता नरेश गर्ग ने साइकिल से दूध बेचकर उन्हें क्रिकेटर बनाया। नरेश ने कहा कि प्रियम देश के लिए वर्ल्ड कप जीतेगा, तो सीना चौड़ा होगा। टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में 17 जनवरी से शुरू होगा। फाइनल 9 फरवरी को खेला जाएगा। भारत का पहला मुकाबला श्रीलंका से 19 जनवरी को होगा।
पिता के मुताबिक, प्रियम ने 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। गांव वाले कहते थे कि वह बल्लेबाजी अच्छी करता है, इसलिए उसे मेरठ की क्रिकेट एकेडमी जॉइन करवानी चाहिए। तब परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बावजूद पिता ने मेरठ के भामाशाह पार्क में कोच संजय रस्तोगी से मुलाकात प्रियम का एडमिशन कराया।
मां चाहती थी कि प्रियम अधिकारी बने
2011 में प्रियम की मां कुसुम देवी का बिमारी के कारण निधन हो गया था। तब प्रियम की उम्र 11 साल थी। इसके बाद उन्होंने एकेडमी जाना छोड़ दिया था। पिता के समझाने के बाद उन्होंने दोबारा क्रिकेट खेलना शुरू किया। मां चाहती थी कि बेटा खेलकूद छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दे और बड़ा अधिकारी बने।
पिता ने दूध का काम छोड़ दिया है। फिलहाल, वे स्वास्थ विभाग में ड्राइवर हैं। रणजी मैचों में सेलेक्शन होने के बाद प्रियम को अच्छी रकम मिलती है, जिससे घर के हालात अब पहले से बेहतर हो गए हैं। बहन पूजा, ज्योति, रेशु और भाई शिवम ने प्रियम के कप्तान बनने पर खुशी जताई है।
प्रियम ने फर्स्ट क्लास मैचों में 2 शतक लगाए
प्रियम का जन्म 30 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। वे अपने राज्य की टीम से खेलते हैं। उन्होंने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच नवंबर 2018 में गोवा के खिलाफ खेला था। प्रियम ने 12 प्रथम श्रेणी मैच में 66.69 की औसत से 867 रन बनाए हैं। इसमें उनके 2 शतक और 5 अर्धशतक हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी में दोहरा शतक भी लगाया है। वे देवधर ट्रॉफी में उपविजेता रही इंडिया-सी की ओर से खेले थे। फाइनल में प्रियम ने इंडिया-बी के खिलाफ 74 रन की पारी खेली थी।

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