
बॉलीवुड डेस्क. इस हफ्ते गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति 11' में करमवीर श्याम सुंदर पालीवाल हॉट सीट पर नजर आएंगे, जिन्हें पिपलान्त्री गांव (राजस्थान) के लोगों की लड़कियों के प्रति सोच बदलने के लिए जाना जाता है। उनके निरंतर प्रयासों से अब पिपलान्त्री में जन्म लेने वाली हर लड़की के नाम पर 31000 रुपए का फिक्स्ड डिपॉजिट किया जाता है और 111 पेड़ लगाए जाते हैं। उनके साथ शामिल थीं एक्ट्रेस साक्षी तंवर जो मनोरंजन जगत में अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं।
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श्याम सुंदर पालीवाल बताते हैं, “मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे केबीसी जैसे मंच पर अमिताभ बच्चन के सामने बैठने का अवसर मिला। केबीसी के इस एपिसोड के जरिए सारे देश को बेटी बचाने, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने, जल संरक्षण और जानवरों की रक्षा करने का संदेश मिला है। यह पिपलान्त्री के लोगों के कारण ही संभव हो पाया है, जिन्होंने इन बातों का महत्व समझा और अब पक्के इरादों के साथ इस दिशा में काम कर रहे हैं। मुझे लगता है एक सही दिशा मिले तो देश में पिपलान्त्री जैसे और भी बहुत-से गांव हो सकते हैं। मुझे यह देखकर खुशी मिलती है कि पिपलान्त्री के लोगों को आज वैसा ही फल मिल रहा है, जैसा उन्होंने बोया था। मैं साक्षी का भी आभारी हूं जिन्होंने हॉट सीट पर मेरा साथ दिया। वो मेरी बेटी की तरह हैं और उनके कारण ही मैं अपने घर पिपलान्त्री में अपनी बेटियों के लिए यह गिफ्ट लेकर जा रहा हूं।”
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साक्षी तंवर ने बताया, “ईमानदारी से कहूं तो श्याम जी इस एपिसोड में करमवीर और चैम्पियन दोनों ही थे। जब मैं केबीसी में उन्हें सपोर्ट करने पहुंची तो मैंने उनसे बहुत सारी बातें सीखीं। एक नेक काम के लिए ये गेम खेलना मेरे लिए एक खास अनुभव रहा। मुझे खुशी है कि हम इस गेम में एक अच्छी रकम जीत पाए। मैं उम्मीद करती हूं कि इससे बहुत-सी लड़कियों को अपने उज्जवल भविष्य के लिए श्याम जी से जरूरी मदद मिलेगी। पिपलान्त्री हमारे सामने एक सफल उदाहरण है और ज्यादा से ज्यादा गांवों को इसका पालन करना चाहिए। इस पहल के पीछे श्याम जी की कोशिश हैं, और यदि लोगों को इस मॉडल का महत्व समझ में आ गया और उन्होंने इसे अपना लिया तो हम एक देश के रूप में यकीनन प्रोग्रेस कर सकते हैं। एक लड़की अपनी जिंदगी के अलग-अलग चरणों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाती हैं। एक बेटी होने से लेकर एक मां बनने तक और यहां तक कि सारे परिवार को एकजुट रखने वाली एक कड़ी के रूप में वो अनेक महत्वपूर्ण रोल निभाती हैं। इसलिए एक लड़की को शिक्षित करना और आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है, न सिर्फ उसके परिवार की बेहतरी और प्रगति के लिए बल्कि समाज और देश के लिए भी।”
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साल 2007 में श्याम जी की बड़ी बेटी किरण, डिहाइड्रेशन के कारण 18 साल की उम्र में इस दुनिया से चल बसी थी। ये उनकी जिंदगी का एक अहम मोड़ साबित हुआ। श्याम जी ने अपनी इस इंसिडेंट को अपने गांव के लोगों के लिए एक अवसर में बदल दिया। उन्होंने गांव में हर लड़की के पैदा होने पर उसके नाम पर 111 पौधे लगाने और 31,000 रुपए का फिक्स्ड डिपॉजिट करने का फैसला किया। यह राशि लड़की के बड़े हो जाने पर उसे दी जाती है, लेकिन इसकी शर्त यह है कि उसकी शादी 18 साल से पहले नहीं कराई जा सकती और ना ही इन पैसों का इस्तेमाल दहेज के लिए किया जा सकता है। जहां लड़की के परिवार वाले इस फिक्स्ड डिपॉजिट में 10,000 रुपए का योगदान देते हैं, वही बाकी के 21,000 रुपए पंचायत और अन्य लोगों की मदद से जमा किए जाते हैं।
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पिपलान्त्री माइनिंग एरिया में स्थित है, जिसके चलते वहां पर प्रदूषण बना रहता था, पेड़-पौधों और पानी की कमी थी। हालांकि श्याम जी की पहल के बाद 3,50,000 से अधिक पेड़ लगाए गए और गांव में जल का लेवल भी कई गुना बढ़ गया। इन पेड़ों को कीड़ों से बचाने के लिए श्याम जी ने इसके चारों ओर एलो वेरा के पौधे भी लगाए हैं। इन पौधों से गांव में रोजगार आया है जिससे कुछ गांव वाले एलोवेरा के उत्पाद तैयार करके उनकी बिक्री कर रहे हैं। इसके अलावा, गुलाब के 10,000 पौधे भी लगाए गए हैं जिनका इस्तेमाल प्रसाधन सामग्री एवं औषधि पूरक के लिए छोटे उद्योगों में किया जाता है।
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