मुंबई. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) आज मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के बाद फैसलों का ऐलान करेगा। प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट समेत अन्य ब्याज दरों में बदलाव के आसार नहीं हैं, क्योंकि खुदरा महंगाई दर आरबीआई के तय दायरे से ऊपर है। बजट से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सर्वे में ज्यादातर अर्थशास्त्रियों की राय थी कि आरबीआई अक्टूबर तक रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा। मौद्रिक नीति की यह बैठक चालू वित्त वर्ष की आखिरी और बजट पेश होने के बाद पहली मीटिंग है।
आरबीआई ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है
खाने-पीने की वस्तुओं के रेट ज्यादा बढ़ने की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35% पर पहुंच गई। यह साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा है। आरबीआई नीतियां बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% पर रहे। इसमें 2% की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन, दिसंबर में यह 6% कीअधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई।
मौद्रिक नीति को लेकरअकोमोडेटिव आउटलुक जारी रहने के आसार
महंगाई दर बढ़ने की चिंता की वजह से आरबीआई ने दिसंबर की बैठक में भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया था। इसकी मौजूदा दर 5.15% है। इससे पहले की 5 बैठकों में लगातार रेट कट करते हुए कुल 1.35% की कमी की थी। आरबीआई मौद्रिक नीति को लेकर इस बार भी अकोमोडेटिव नजरिया बरकरार रख सकता है। इसका मतलब होता है कि रेपो रेट में आगे कटौती संभव है।
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