
खेल डेस्क. टेस्ट में शानदार बैटिंग से चर्चा में आए लबुशेन अगले हफ्ते से शुरू होने वाली वनडे सीरीज से नई शुरुआत करेंगे। वे भारतीय गेंदबाजों खासकर बुमराह का सामना कैसे करते हैं, यह देखने लायक होगा। पिछले छह महीने में लबुशेन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में उम्दा खेल दिखाया है। एशेज में वे बेंच पर थे। उन्हें एक मौका मिला और उन्होंने खुद को साबित किया। एशेज के दूसरे टेस्ट में चोटिल स्मिथ की जगह उतरे लबुशेन ने टीम को हार से बचाया और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। डेब्यू टेस्ट में दूसरी गेंद पर आउट होने वाले लबुशेन सिर्फ 14 टेस्ट में 1459 रन बना चुके हैं।
लेकिन टेस्ट के प्रदर्शन को क्या वे वनडे में दोहरा सकेंगे। खासकर भारतीय पिचों पर। विशेष रूप से जसप्रीत बुमराह के खिलाफ। बुमराह ने वनडे वर्ल्ड कप के बाद एक भी मैच नहीं खेला है। फिर भी वे वनडे रैंकिंग में टॉप पर हैं। बुमराह ने श्रीलंका के खिलाफ टी-20 से वापसी की। उनकी चोट को लेकर सभी चिंतित थे। क्या इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बुमराह की वापसी से फैंस के अलावा सिलेक्टर्स और मैनेजमेंट को भी राहत मिली है। लेकिन बुमराह की असली परीक्षा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगी। श्रीलंका की टीम स्ट्रगल कर रही थी। सीजन में घर में टीम इंडिया को आसान जीत मिली है।
भारत ने द. अफ्रीका, बांग्लादेश और श्रीलंका को आसानी से हराया
दक्षिण अफ्रीका की टीम तैयार हो रही है। बांग्लादेश की टीम शाकिब और तमीम के बिना आई। श्रीलंका को लेकर कोई चिंता नहीं थी। तीनों ही टीमें विराट कोहली के लिए एक आसान टीम थीं, जो हमारी तैयारी के लिए अच्छी नहीं रही। ऑस्ट्रेलिया की टीम घर में शानदार प्रदर्शन करके यहां आ रही है। उससे हमें चुनौती मिलेगी। दोनों टीमों में बड़े खिलाड़ी हैं और फाॅर्म में भी हैं। रोहित, कोहली, राहुल, पंत, शमी, चहल अब फिंच, वॉर्नर, स्मिथ, स्टार्क, कमिंस के खिलाफ उतरेंगे। बुमराह और लबुशेन की लड़ाई भी सीरीज को रोमांचक बनाएगी।
बीसीसीआई और सीए के बीच 4 दिन के टेस्ट को लेकर चर्चा होगी
सीरीज के बीच बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के बीच चार दिन के टेस्ट को लेकर चर्चा होगी। सीए के चीफ एक्जीक्यूटिव बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से बात करेंगे। टेस्ट को लेकर यह बहस नई नहीं है। जब से यह अस्तित्व में आया है तब से यह मुद्दा चल रहा है। टेस्ट में दशकों से लगातार फैंस की संख्या कम हो रही है। इससे कैसे निपटा जाए, यह चुनौती है। नए और पुराने खिलाड़ी इसे लेकर अपनी राय दे रहे हैं। आईसीसी को इस मसले को बैठक में सुलझाना अासान नहीं रहेगा। इससे समझा जा सकता है कि बदलाव जरूरी है। टी20 की लोकप्रियता बढ़ रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि टेस्ट के लिए बड़े कदम उठाए जाएं।
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