
खेल डेस्क. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने अपने समकक्ष पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को बता दिया है कि वो जनवरी-फरवरी में दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम नहीं भेज सकता। हालांकि, टी20 सीरीज के लिए बांग्लादेश टीम पाकिस्तान का दौरा कर सकती है। यह जानकारी बांग्लादेश मीडिया से हवाले से आई है। दूसरी तरफ, श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज जीतने के बाद पाकिस्तान के हेड कोच और चीफ सिलेक्टर मिस्बाह उल हक ने बीसीबी के फैसले पर नाखुशी जताई। कहा, “मुझे लगता है कि सुरक्षा का सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है।” बांग्लादेश को 18 जनवरी 2020 से पाकिस्तान का दौरा करना है। इस दौरान तीन टी20 और दो टेस्ट मैच खेले जाने हैं।
ये पाकिस्तान के साथ नाइंसाफी
कराची टेस्ट में जीत के बाद मिस्बाह ने मीडिया से बातचीत की। एक सवाल के जवाब में कहा, “हमें दुख होगा अगर बांग्लादेश टीम पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज के लिए नहीं आती। यह पाकिस्तान क्रिकेट के साथ नाइंसाफी होगी। हमारे देश में टेस्ट क्रिकेट की वापसी हो चुकी है और श्रीलंका के दौरे ने ये साबित कर दिया है कि यहां हालात बहुत अच्छे हैं। अब अगर सुरक्षा की चिंता की जाती है तो मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि एक कमजोर बहाना बनाया जा रहा है। हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि अब हमारी टीम किसी न्यूट्रल वेन्यू पर नहीं खेलेगी।”
आखिर दिक्कत कहां है?
बांग्लादेश को 18 जनवरी से पाकिस्तान दौरा करना है। बीसीबी के एक दल ने पाकिस्तान में सुरक्षा हालात का जायजा लिया। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना सरकार ने टेस्ट सीरीज के लिए टीम भेजने की मंजूरी नहीं दी। सिर्फ टी20 सीरीज के लिए हामी भरी। बीसीबी का कहना है कि वो किसी खिलाड़ी पर पाकिस्तान में टेस्ट खेलने का दबाव नहीं बनाएगा। इस बात को लेकर बीसीबी और पीसीबी में ठन गई है। पीसीबी के सीईओ वसीम खान ने बांग्लादेश बोर्ड को एक पत्र लिखा। इसमें सख्त भाषा का इस्तेमाल किया गया। कहा गया है कि अगर बांग्लादेश टीम पाकिस्तान नहीं आती तो उसे न सिर्फ हर्जाना देना होगा बल्कि भविष्य में दोनों देशों के क्रिकेट संबंध बिगड़ सकते हैं। इसके बाद बांग्लादेश ने भी कहा कि वो सरकार के आदेश के हिसाब से ही फैसला लेगा।
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