
नई दिल्ली. वोडाफोन ग्रुप के सीईओ निक रीड के भारत में कारोबारी अनिश्चितताओं वाले बयान से सरकार नाखुश है। न्यूज एजेंसी ने टेलीकॉम मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बुधवार को ये जानकारी दी। इसके मुताबिक रीड ने सफाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेरा बयान गलत तरीके से पेश किया गया, वोडाफोन का भारत में निवेश बरकरार रहेगा।
एजीआर मामले में वोडाफोन-आइडिया सरकार से कुछ राहत मांग रही
इससे पहले रीड ने कहा था कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया समेत भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की स्थिति गंभीर हो गई है। वोडाफोन-आइडिया को जरूरतों के मुताबिक नकदी जुटाने के संबंध में अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। कंपनी एजीआर के भुगतान में ब्याज और जुर्माने से राहत देने की सरकार से मांग कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने नॉन-टेलीकॉम रेवेन्यू को भी एजीआर का हिस्सा मानने के दूरसंचार विभाग के दावे को बरकरार रखते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बकाया भुगतान करने का आदेश 24 अक्टूबर को दिया था। टेलीकॉम कंपनियों पर कुल 1.33 लाख करोड़ रुपए बकाया होने का अनुमान है। भारती एयरटेल पर 62,187.73 करोड़ और वोडाफोन-आइडिया पर 54,183.9 करोड़ रुपए होने का आकलन है।
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