
लंदन. श्रीलंका मैच फिक्सिंग से जुड़े मामलों को अपराध की श्रेणी में लाने वाला पहला दक्षिण एशियाई देश बन गया है। उसकी संसद ने ‘खेल से संबंधित अपराधों की रोकथाम’ से जुड़े एक बिल को पास कर दिया। इस बिल के पास होने के बाद श्रीलंका में मैच फिक्सिंग को अपराध माना जाएगा। मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार से जुड़ा ये नया कानून हर खेल पर लागू होगा।
एक क्रिकेट वेबसाइट के हवाले से ये जानकारी सामने आई है कि इस कानून के तहत अगर कोई इंसान खेल में भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है तो उसे दस साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा उसे भारी भरकम जुर्माना भी भरना पड़ेगा। माना जाता है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद( आईसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट द्वारा श्रीलंका में मैच फिक्सिंग से जुड़े मामलों की जांच की गई थी। इसी जांच की वजह से इस बिल का मसौदा तैयार किया गया।
एंटी करप्शन यूनिट के साथ मिलकर खेल मंत्रालय ने ड्राफ्ट तैयार किया
श्रीलंका के खेल मंत्री हरिन फर्नांडो ने इस बिल को संसद में पेश किया था। जिसका पूर्व कप्तान अर्जुन रणातुंगा ने संसद में समर्थन किया था। बता दें कि अर्जुन रणातुंगा मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। देश के खेल मंत्रालय ने बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के साथ मिलकर काम किया था।
फिक्सिंग में शामिल होने वाले की खैर नहीं, जाना होगा जेल
इस कानून के तहत जो शख्स सीधे फिक्सिंग में शामिल होगा, उसे दंडित किया जा सकेगा। इसके अलावा इस कानून के तहत उस शख्स पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी, जो मैच फिक्सिंग में शामिल शख्स को अहम जानकारी साझा करेगा। इस कानून के दायरे में मैच ऑफिशियल के साथ ही पिच क्यूरेटर भी आएंगे। अगर पिच क्यूरेटर सट्टेबाजों के हिसाब से पिच तैयार करने का दोषी पाया जाता है तो उसे भी जेल जाना पड़ेगा।
सट्टेबाजों द्वारा संपर्क किए जाने की जानकारी छुपाना भारी पड़ेगा
इस बिल में उन लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है, जो सट्टेबाजों द्वारा संपर्क किए जाने के बाद भी जानकारी छुपाएंगे। इसका मतलब अब श्रीलंकाई क्रिकेटरों को सट्टेबाजों द्वारा संपर्क करने की सूरत में जानकारी न सिर्फ आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को देनी होगी, बल्कि सरकार द्वारा नियुक्त स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट को भी ये बताना होगा। यहइसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि हाल ही में बांग्लादेश के ऑल राउंडर शाकिब-उल-हसन को आईसीसी ने इसलिए दो साल के लिए बैन कर दिया। उन्होंने सट्टेबाज द्वारा संपर्क करने की जानकारी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को नहीं दी थी।
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