खेल डेस्क. पाकिस्तानी घुड़सवार उस्मान खान (38) ने अपने घोड़े का नाम आजाद कश्मीर रखा है। वे टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले देश के पहले एथलीट हैं। उस्मान ने कहा कि वे अपने घोड़े का नाम नहीं बदलना चाहेंगे, क्योंकि इस नाम की वजह से उन्हें ओलिंपिक में जाने के लिए स्पॉन्सर ढूंढने में काफी मदद मिलेगी। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) ने घोड़े के नाम को राजनीतिक मुद्दे से प्रेरित मानते हुए शिकायत दर्ज कराई है। इस बार ओलिंपिक जापान की राजधानी टोक्यो में 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, उस्मान अभी ऑस्ट्रेलिया में हैं। उस्मान ने कहा कि यह एक तुच्छ मुद्दा है। घोड़े का नाम भारत के जम्मू-कश्मीर के हालात को देखते हुए नहीं रखा है। इस नाम को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे (अनुच्छेद 370 हटाने) से पहले ही अप्रैल 2019 में रजिस्टर करा लिया गया था।
‘सबकुछ नियम के मुताबिक ही हुआ’
उस्मान ने कहा, ‘‘मैं अभी कोई स्पॉन्सर ढूंढ रहा हूं, जो मुझे और मेरे घोड़े आजाद कश्मीर का खर्च उठा सके और हमें टोक्यो ओलिंपिक तक जाने में मदद कर सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया से खरीदे इस घोड़े का नाम पहले ‘हेयर-टू-स्टे’ था। मैंने इसे खरीदने के बाद 72 हजार रुपए में नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी की। यह सब संबंधित अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय संस्थाओं के नियम के अनुसार ही किया गया। आजाद कश्मीर नाम मुझे मेरी मातृभूमि की याद दिलाता है।’’
उस्मान दो बार एशिनय गेम्स के लिए क्वालिफाई कर चुके
उस्मान ने कहा, ‘‘मैंने 15 साल की कड़ी मेहनत के बाद इसी घोड़े के साथ ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। मैं ओलिंपिक जैसे बड़े इवेंट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं।’’ इससे पहले उस्मान ने 2014 और 2018 में दो बार एशिनय गेम्स के लिए क्वालिफाई किया था, लेकिन दोनों ही बार वे आर्थिक कमी के कारण टूर्नामेंट में शामिल नहीं हो सके थे। तब उनके पास अल-बुराक नाम का घोड़ा था।
ओलिंपिक नियम
इंडियन फेडरेशन के मुताबिक, ओलिंपिक के हर इवेंट या जगह से राजनीतिक मुद्दों को दूर रखा जाता है। इसलिए यह यह ओलिंपिक चार्टर रूल 50 के खिलाफ है। इसके अनुसार किसी भी इशारे या वस्तु से किसी देश की राजनीतिक या धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती है। यदि शिकायत होती है तो आरोपी देश का ओलिंपिक कोटा रद्द किया जा सकता है।
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