खेल डेस्क. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) और हॉकी इंडिया देश में हॉकी के 7 हाई परफॉर्मेंस सेंटर खोलने जा रहे हैं। 2024 और 2028 ओलिंपिक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए युवा खिलाड़ियाों को सेंटर में मौका दिया जाएगा। चार सेंटर अगले तीन महीने में जबकि तीन अन्य सेंटर एक साल के अंदर शुरू होंगे। हर सेंटर में 14 से 24 साल के 72 पुरुष और 72 महिला खिलाड़ियों को जगह दी जाएगी। खेलो इंडिया स्कीम के तहत ये सेंटर बनाए जा रहे हैं। सेंटर को हाॅकी इंडिया और उनके हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर देखेंगे। यहां के खिलाड़ियों को इंटरनेशनल एक्सपोजर टूर पर भी भेजा जाएगा।
साई के डायरेक्टर जनरल संदीप प्रधान ने कहा, ‘मंत्रालय की ओर से युवा खिलाड़ियों की पहचान के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत की गई है। देश के विभिन्न जोन में हॉकी सेंटर खोले जाने से युवा खिलाड़ियों को अच्छी सुविधाएं मिल सकेंगी। वहीं हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा, ‘सेंटर शुरू होने से युवा खिलाड़ियों की बड़ी टीम तैयार हो सकेगी। इससे हमें ओलिंपिक के अलावा यूथ ओलिंपिक, जूनियर वर्ल्ड कप, एशिया कप जैसे इवेंट में भी अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।’ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने कहा कि इस तरह की शुुरुआत से बड़े टूर्नामेंट में हमारे मेडल की उम्मीद बढ़ेगी।
ये 4 सेंटर अगले 3 महीने में शुरू हो जाएंगे
- 1. साई सेंटर बेंगलुरू (साउथ जोन)
- 2. मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली (नॉर्थ जोन)
- 3. साई सुंदरगढ़, ओडिशा (ईस्ट जोन)
- 4. साई भोपाल (सेंट्रल जोन)
ये तीन सेंटर अगले एक साल में खोले जाएंगे
- 1. साई इंफाल मणिपुर (नॉर्थ-ईस्ट जोन)
- 2. बालेवाड़ी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पुणे (वेस्ट जोन)
- 3. साई सेंटर, रांची (ईस्ट जोन-2)
सिलेक्शन के लिए ओपन ट्रायल भी होंगे
शुरुआत में इस सेंटर में हॉकी इंडिया नेशनल चैंपियनशिप, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को रखा जाएगा। इसके अलावा इन सेंटर में ट्रेनिंग के लिए खिलाड़ियों का चयन ओपन ट्रायल से भी होगा। पहली बार यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन भुवनेश्वर में 22 फरवरी से 01 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है।
हर सेंटर में वीडियो एनालिस्ट, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच की सुविधा
इन सेंटर्स में इंटरनेशनल लेवल के इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा स्पोर्ट्स साइंस की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें सीनियर कैटेगरी के खिलाड़ियों की तरह ही सुविधाएं दी जाएगी। इससे अच्छे खिलाड़ियों की पहचान की जा सकेगी। हर सेंटर में 14 से 24 साल के खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा। हर सेंटर में 72 महिला और 72 पुरुष खिलाड़ियों यानी 144 को जगह दी जाएगी। सेंटर में स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच, फिजियोथेरेपिस्ट ओर मसाजर की सुविधाएं होंगी। इंजरी से उबरने के लिए रिहैब सेंटर बनाए जाएंगे। साथ ही वीडियो एनालिसिस की सुविधा भी होगी। सेंटर में खिलाड़ियों के रहने, खाने-पीने के अलावा उन्हें शिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
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