खेल डेस्क. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर हैं। उनका वर्क एथिक्स और अनुशासन उन्हें दुनिया के बेस्ट एथलीट में शामिल करता है। वे चुनिंदा फुर्तीले फील्डर में तो शामिल हैं ही, उनकी रनिंग बिटवीन द विकेट भी अन्य खिलाड़ियों को इंस्पायर करती है। कोहली कह चुके हैं कि अगर कोई बल्लेबाज फिट है तो वह रन लेते समय सिंगल को डबल में बदल देता है। इससे विराेधी टीम के फील्डर पर दबाव बनता है। फिट फील्डर मुश्किल से मुश्किल कैच को पकड़ने में एक्स्ट्रा एफर्ट लगाता है। कोहली ऑफ सीजन में भी फिटनेस पर फोकस करते हैं। इसके लिए जिम में पसीना बहाते हैं, ताकि मैदान पर 200 फीसदी दे सकें। उनका फिटनेस लेवल दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी जैसा है।
टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने भी कोहली की तारीफ करते हुए कहा है कि कोहली के आने के बाद टीम इंडिया के फिटनेस लेवल में काफी सुधार हुआ है। प्रसाद ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि कोहली जब किसी मैच में एक अच्छी पारी खेलते हैं तो वे औसतन 17 किमी दौड़ते हैं जबकि एक फुटबॉलर औसतन 8 से 13 किमी तक दौड़ता है। कोहली रोनाल्डो और मेसी से दोगुना दौड़ते हैं। रोनाल्डो 90 मिनट के एक मैच के दौरान 8.38 किमी जबकि मेसी 7.6 किमी दौड़ते हैं। कोहली फिटनेस के अलावा टीम की फील्डिंग पर भी काफी फोकस करते हैं। आज टीम इंडिया की फील्डिंग दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है।
बीसीसीआई का फिजियो वर्कलोड मॉनिटर करता है
प्रसाद ने कहा, ‘जिन खिलाड़ियों का बीसीसीआई से करार होता है, उन्हें जीपीएस परफॉर्मेंस और ट्रैकिंग एनालिसिस सिस्टम से ट्रैक किया जाता है। ताकि उनका वर्कलोड पता चल सके। फिजियो इसी वर्कलोड के आधार पर टीम और खिलाड़ियों का प्रैक्टिस शेड्यूल बनाता है। सभी टीमें ऐसा करती हैं। वर्कलोड मैनेजमेंट सिस्टम टीम के ट्रेनर शंकर बासु लेकर आए थे। वे इसी के हिसाब से शेड्यूल बनाते हैं।’
‘मैं भी महेंद्र सिंह धोनी का बहुत बड़ा फैन हूं’
इस महीने के अंत तक सिलेक्टर पद से रिटायर होने जा रहे प्रसाद ने कहा कि वे भी धोनी के बहुत बड़े फैन हैं। धोनी ने भारतीय टीम को वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन का दर्जा दिलवाया है। इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उनके करिअर की बात करें तो वे खुद इस पर फैसला करेंगे। चयनकर्ता के तौर पर हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी होती है और नए जनरेशन के खिलाड़ियों को मौका देना होता है।
वहीं, रायडू के वर्ल्ड कप टीम में न चुने जाने पर प्रसाद ने कहा, ‘मुझे रायडू को लेकर काफी बुरा लगा था। यह फैसला बहुत ही मुश्किल था। हमने रायडू की फिटनेस पर भी ध्यान दिया था। उनका वर्ल्ड कप टीम से बाहर होना काफी अलग मुद्दा था। हमने एक महीने तक एनसीए में उनकी फिटनेस पर फोकस किया और मदद की थी।’
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