नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर अपने एक अधिकारी कुलदीप कुमार शर्मा की तारीफ की है। 26 जनवरी को कुलदीप के पिता का निधन हो गया, इसके बावजूद वे घर नहीं गए। कुलदीप वित्त मंत्रालय की प्रेस में डिप्टी मैनेजर हैं। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता, तब तक बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। यानी कुलदीप अब 1 फरवरी को ही बाहर निकल सकते हैं। बजट बनाने की प्रक्रिया आमतौर पर सितंबर से शुरू हो जाती है, जो 6 महीने तक चलती है। बजट दस्तावेज छपने की प्रक्रिया हलवा सेरेमनी से शुरू हो जाती है। इस बार हलवा सेरेमनी 20 जनवरी को हुई थी। हलवा सेरेमनी के बाद बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं। बजट पेश होने से दो दिन पहले मंत्रालय को सील कर दिया जाता है। संसद में बजट पेश हो जाने के बाद ही बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर आने दिया जाता है।
गोपनीय होते हैं बजट दस्तावेज
बजट दस्तावेज गोपनीय रहते हैं। बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से लेकर अधीनस्थ कर्मचारी, स्टेनोग्राफर्स, टाइपराइटर्स, प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारी और अन्य लोग दफ्तर में ही रहकर काम करते हैं। गोपनीयता बनाए रखने के लिए आखिरी वक्त पर उन्हें अपने परिवार से बात करने की भी इजाजत नहीं रहती है। इस दौरान बजट तैयार करने वाले और इसके प्रकाशन से जुड़े लोगों पर कड़ी नजर रखी जाती है। बजट प्रक्रिया में वित्त मंत्री का भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है। जिसे बजट घोषणा से सिर्फ दो दिन पहले ही छपने के लिए भेजा जाता है।
30 साल सिक्योरिटी प्रेस में छपा बजट; 40 साल से वित्त मंत्रालय में ही छपाई हो रही
बजट को पहले राष्ट्रपति भवन में ही छापा जाता था, लेकिन 1950 में बजट लीक हो गया था। ये गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट था, जिसे इंग्लैंड के एक पत्रकार ने लीक कर दिया था।इसके बाद इसे दिल्ली के मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगा। 30 साल तक सिक्योरिटी प्रेस में छापने केबाद1980 से इसे बजट नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय की प्रेस में छापा जाने लगा। पिछले 40 साल से इसे यहीं छापा जारहा है। बजट पहले सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही तैयार होता था, लेकिन 1955-56 से इसे हिंदी में भी छापा जाने लगा।
बजट तैयारी का अहम हिस्सा है 'हलवे की रस्म'
बजट से संबंधित दस्तावेजों की छपाई प्रक्रिया शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में हलवे की रस्म निभाई जाती है। जिसमें वित्त मंत्री अधिकारियों और कर्मचारियों को हलवा बांटती हैं। इस रस्म के बाद से बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबधित अधिकारियों को अलग रखा जाता है।
160 साल पहले पेश हुआ था देश का पहला बजट
देश का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था। भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया गया था। इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था।
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