बॉलीवुड डेस्क. फेमस कोरियोग्राफर गणेश आचार्य ने अपने ऊपर लगे सीडीए (सिने डांसर्स एसोसिएशन) को तोड़ने की कोशिश के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है। उन पर ये आरोप सीनियर कोरियोग्राफर सरोज खान ने लगाए हैं। खान का कहना है कि आचार्य डांसर्स का शोषण कर रहे हैं और सीडीए को बदनाम करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। हालांकि आचार्य ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए सरोज से डांसर्स की मदद करने के लिए कहा है।
इस बारे में एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए आचार्य ने कहा, 'सरोज जी गलत बोल रही हैं। जब सीडीए को बंद कर दिया गया था, तब उन्होंने आकर उसे खुलवाने के लिए हमारी मदद करने क्यों नहीं की। सीडीए के लिए पांच समन्वयक नियुक्त किए गए थे, जिन्होंने उनसे 15 लाख रुपए भी लिए, जबकि 217 मास्टर्स ने इस बारे में एक पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए बताया था कि उन्हें समन्वयकों की जरूरत नहीं है। क्या फेडरेशन के लोगों को नाचना आता है... क्या उन्हें पता है कौन अच्छा डांसर है।' आगे उन्होंने बताया, 'सरोज जी को आगे आकर डांसर्स की मदद करना चाहिए। सीडीए में दोबारा चुनाव की जरूरत है।'
सरोज ने डांसर्स को तोड़ने का आरोप भी लगाया
सीडीए के साथ पिछले करीब एक दशक से जुड़ी सरोज खान ने आचार्य पर ना केवल एक नया संगठन खड़ा करने और सीडीए को बदनाम करने का आरोप लगाया बल्कि ये भी कहा कि वे ज्यादा पैसों का लालच देकर हमारे डांसर्स को तोड़ रहे हैं। इन आरोपों के जवाब में आचार्य ने कहा, 'साल 2018 में शुरू हुए कानूनी विवाद के चलते सीडीए को छह महीने पहले बंद कर दिया गया था। हालांकि डेरिक बिस्वास, जाहिद शेख, अल फहीम सुरानी और रवि कंवर ने इस बारे में किसी अदालती आदेश को दिखाए बिना इसे दोबारा शुरू कर लिया साथ ही बिना चुनावों के पदों पर नियुक्तियां भी कर दीं। अब वे डांसर्स पर दोबारा एसोसिएशन में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे हैं।'
आगे आचार्य ने कहा, 'मैं डांसर्स के साथ खड़ा हूं, मैं भावनात्मक रूप से उनके साथ जुड़ा हुआ हूं। ये उनकी समस्या है और इसी वजह से वे मेरे खिलाफ बोल रही हैं।' उनके मुताबिक 'ऑल इंडिया फिल्म टेलीविजन इवेंट्स डांसर्स एसोसिएशन (AIFTEDA) के सदस्य भी निष्पक्ष चुनाव और मजदूरी के आश्वासन के बाद ही सीडीए में लौटना चाहेंगे।' आचार्य और उनके पिता भी सीडीए के साथ जुड़े रहे हैं।
आचार्यर समर्थकों ने कहा- वे किसी में भेदभाव नहीं करते
आचार्य के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने कभी भी डांसर्स के बीच भेदभाव नहीं किया। एक डांसर ने कहा, 'अगर कहीं 50 डांसर्स की जरूरत होती है तो वे 100 डांसर्स को लेते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। वे हमारी हर समस्या में हमारे साथ खड़े रहते हैं, यहां तक कि वे उनके साथ भी खड़े रह चुके हैं, जो उनकी आलोचना कर रहे हैं।' इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब आचार्य ने सीडीए पर अनिवार्य दरों से कम दर पर डांसर्स को भुगतान करने का आरोप लगाया। कहा जाता है कि सीडीए के पूर्व सदस्यों ने नाराजगी की वजह से 26 दिसंबर 2019 को AIFTEDA का गठन किया था।
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