दावोस. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला का कहना है कि अप्रवासियों का समर्थन नहीं करने वाले देश ग्लोबल टेक इंडस्ट्री की ग्रोथ को जोखिम में डाल रहे हैं। स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पहुंचे नडेला ने मंगलवार को ब्लूमबर्ग मीडिया को दिए इंटरव्यू में यह चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी देश अपने हितों के बारे में फिर से विचार कर रहे हैं, यह ठीक है लेकिन इस बारे में बहुत ज्यादा संकीर्ण सोच नहीं होनी चाहिए। किसी देश में अप्रवासी तभी जाएंगे जब वहां का माहौल अनुकूल होगा। नडेला ने इस चर्चा के दौरान किसी देश का नाम नहीं लिया। हालांकि, कुछ दिन पहले उन्होंने भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अफसोस जताया था।
नडेला ने कहा था- कोई बांग्लादेशी इन्फोसिस का सीईओ बनेगा तो खुशी होगी
नडेला ने पिछले हफ्ते सीएए पर कहा था भारत में जो कुछ हो रहा है उससे दुख होता है। कोई बांग्लादेशी भारत आकर बड़ी कंपनी शुरू करता है या इन्फोसिस जैसी कंपनी का सीईओ बनता है तो मुझे खुशी होगी। हालांकि, नडेला ने यह भी कहा- मैं भारत को लेकर आशावादी हूं। वहां राष्ट्र निर्माण का 70 साल का इतिहास है। मैं सोचता हूं कि यह एक मजबूत आधार है। मैं भारत में पला-बढ़ा हूं। वहां की विरासत पर मुझे गर्व है। मैं वहां के अनुभव से प्रभावित हूं।
कार्बन का स्तर कम करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट टेक कंपनियों की मदद करेगी
माइक्रोसॉफ्ट ने टेक कंपनियों के लिए 1 अरब डॉलर (7,000 करोड़ रुपए) के निवेश की योजना के बारे मेंपिछले दिनों जानकारी दी थी। इसके तहत उन कंपनियों और संस्थाओं को मदद दी जाएगी जो वातावरण से कार्बन का स्तर घटाने की तकनीक पर काम कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयास खतरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। नडेला का कहना है कि हम अपने सभी डेटा सेंटर में नवीनीकरण योग्य ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) का इस्तेमाल सुनिश्चित करेंगे।
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