
मुंबई. रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के कर्जदाताओं ने अनिल अंबानी और चार अन्य निदेशकों के इस्तीफे 20 नवंबर की बैठक में नामंजूर कर दिए। उनसे कहा गया है कि दिवालिया प्रक्रिया में रेजोल्यूशन प्रोफेशनल का सहयोग करें। आरकॉम ने रविवार को ये जानकारी दी। अंबानी के अलावा छाया विरानी, रायना कराणी, मंजरी काकर और सुरेश रंगचर ने पिछले दिनों इस्तीफे की पेशकश की थी।
दिवालिया प्रक्रिया में होने की वजह से आरकॉम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल अनीष निरंजन नानावती के नियंत्रण में है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरस्पी कोड (आईबीसी) के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जून में उन्हें नियुक्त किया था। स्वीडन की टेलीकॉम उपकरण कंपनी एरिक्सन ने पिछले साल आरकॉम के खिलाफ दिवालिया की याचिका लगाई थी। आरकॉम ने अपीलेट ट्रिब्यूनल से स्टे ले लिया था। लेकिन, इस साल खुद ही दिवालिया प्रक्रिया में जाने का फैसला लिया।
आरकॉम ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 30,142 करोड़ रु.का घाटा
कर्जदाताओं ने आरकॉम पर 49 हजार करोड़ रुपए बकाया होने का दावा किया है। कर्ज चुकाने के लिए रेजोल्यूशन प्रोफेशनल की निगरानी में कंपनी की संपत्तियां बेचने की प्रक्रिया चल रही है। आरकॉम ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 30,142 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया। यह किसी भारतीय कंपनी का दूसरा बड़ा तिमाही नुकसान है। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस की बकाया राशि के लिए 28,314 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग करने की वजह से आरकॉम को इतना नुकसान हुआ।
अनिल अंबानी किसी वक्त दुनिया के टॉप-10 अमीरों में शामिल थे
अनिल अंबानी किसी वक्त दुनिया के टॉप-10 अमीरों में शामिल थे, लेकिन अब उनकी कंपनी आरकॉम दिवालिया हो रही है। बड़े भाई मुकेश अंबानी से विवाद के चलते 2005 में कारोबार के बंटवारे में अनिल के हिस्से में आरकॉम आई थी। दो साल पहले मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए टेलीकॉम कारोबार में एंट्री की। जियो के फ्री कॉल और सस्ते डेटा ने बाकी कंपनियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। आरकॉम कॉम्पिटीशन में नहीं टिक पाई। भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया भी संकट से जूझ रही हैं।

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